"सर्वोत्तम शिक्षा वही है जो संपूर्ण सृष्टि से हमारे जीवन का सामंजस्य स्थापित करती है"
- रविंद्र नाथ टैगोर
जैसा कि हम सभी को विदित है कि शिक्षा का अभिप्राय विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास से है ,इसीलिए शिक्षा का महत्व मानव तथा मानव सभ्यता के विकास के लिए अहम है तथा हमें यह ध्यान रखना होगा कि मानव मस्तिष्क ही सभ्यता के विकास का सबसे बड़ा संसाधन है ।अतः आवश्यक हो जाता है कि बच्चों के कोमल मस्तिष्क का सही एवं संपूर्ण तरीके से विकास हो और इस कार्य को -
"शिक्षक -छात्र -अभिभावक"
के सामूहिक प्रयासों द्वारा ही पूर्ण किया जा सकता है सही मायनों में तब ही हम सच्चे नागरिक और सफल नेतृत्व कर्ताओं को तैयार कर पाएंगे।
श्री आदर्श इंटर कॉलेज इन्हीं उद्देश्यों को साथ लेकर चल रहा है और नवाचार का पर्याय बन चुका है।
कुंवर सिंह
प्रधानाचार्य